यदि ऐस्बेस्टस के रेशों को कोई व्यक्ति साँस लेते समय अंदर ले लेता है तो दशकों बाद फेफड़ों का कैंसर (फेफड़े का ट्यूमर) या मेसोथेलिओमा (फेफड़ों के आसपास के झिल्ली का ट्यूमर) विकसित हो सकता है। |
अभी तक मेसोथेलिओमा के लिए कोई इलाज नहीं है।
ऐस्बेस्टस से एक्सपोज हुए सभी लोगों को बीमारी नहीं होता है।
बीमारी को विकसित होने के लिए ऐस्बेस्टस के कुछ मात्रा में साँस लेना आवश्यक है।
यदि आप कम समय में ऐस्बेस्टस की एक छोटी मात्रा साँस से ले लेते हैं तो जोखिम बहुत कम होता है। दरअसल, ज्यादातर लोग जो ऐस्बेस्टस को साँस से अन्दर ले लेते हैं, में किसी भी बीमारी का शुरुआत नहीं होता है
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आपको यह सलाह दी जाती है कि यदि हो सके तो ऐस्बेस्टस के सामग्रियों से अपने आप को दूर रखें, हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि इसका एक रेशा आपके लिए हानिकारक होगा।
एक्स-रे से परीक्षण केवल ऐस्बेस्टस से एक्सपोज होने के दशकों बाद उससे सम्बंधित बीमारी के पहचान करने में ही प्रभावी हैं। |
ऐस्बेस्टस से सम्बंधित बीमारी को विकसित होने में एक लंबा समय लगता है।
अधिकांश लोगों को एक्स्पोज के कम से कम 10 साल तक कोई संकेत या लक्षण नहीं होता है।
ऐस्बेस्टस के रेशों को साँस से लेने के दौरान खाँसी या सर्दी का अनुभव किया जा सकता है। हालांकि एक बार एक्स्पोजर के समाप्त हो जाने के बाद खांसी होने की संभावना किसी और वजह जैसे कि धूल आदि से होने का जोखिम बढ़ जाता है।
・ऐस्बेस्टस से सम्बंधित सामग्रियों से बचने की कोशिश करें
पेज देखें "ऐस्बेस्टस पाने पर हम क्या करें" |
・धूम्रपान या तंबाकू के धुएं में साँस नहीं लें। तंबाकू से हजारों स्वास्थ्य सम्बंधी समस्यायें होती हैं। |
ऐस्बेस्टस युक्त सामग्री हमारे जीवन में हर जगह हैं।
शायद ऐस्बेस्टस आपके अपने स्कूल में पाया गया हो या आपके परिवार का कोई व्यक्ति ऐस्बेस्टस सम्बंधित नौकरी करता हो।
शायद आप या आपके परिवार में से कोई, ऐस्बेस्टस से एक्सपोज हुआ हो।
आप ऐस्बेस्टस से सम्बंधित बीमारी के विकसित होने से चिंतित हो सकते हैं।
यह काफी सामान्य है और इस तरह महसूस करना बहुत ही स्वाभाविक है।
यदि आप बहुत ही कम समय के लिए ऐस्बेस्टस के रेशों से एक्स्पोज हुए हैं तो बीमारी के होने का खतरा काफी कम होता है। |